लोन दिलाने के नाम पर 4 लाख की धोखाधड़ी
छिंदवाड़ा-लोन दिलाने के नाम पर 4 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है आवेदक की शिकायत पर कोतवाली पुलिस छिंदवाड़ा ने प्रकरण की जांच करते हुए दो आरोपियों पर मामला दर्ज किया है
सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी गिरीश चंद्रवंशी ने बताया की मेरा भारतीय स्टेट बैंक, मुख्य शाखा, छिन्दवाड़ा में बचत / सैलरी खाता क्र-30551670361 लम्बे समय से है। लगभग तीन वर्ष पूर्व मुझे मेरे आवश्यक कार्य हेतु लोन लेने की आवश्यकता पड़ी थी, तब में मेरे बैंक भारतीय स्टेट बैंक, मुख्य शाखा, छिन्दवाड़ा गया हुआ था, जहां अनावेदक क्र-1 नीरज गोदरे द्वारा मुझे जल्दी लोन दिलाना कहकर मुझसे बात करना प्रारम्भ कर दिया गया, तब मैंने उस पर विश्वास कर लोन के पेपर तैयार कराये गये, जिसमें उसके द्वारा मेरा आधार कार्ड, पेन कार्ड, चेक बुक, पास बुक, सैलरी स्लिप आदि ले ली गयी, परन्तु बैंक पलिसी के अन्तर्गत मुझे लोन स्वीकृत नही हुआ. फिर भी मेरे सभी दस्तावेज नीरज गोदरे द्वारा अपने पास रख लिए गए और कहा गया, कि में किसी और बैंक से तुम्हारा लोन स्वीकृत करवा दूंगा, उसके लिए आप मुझे समय दीजिए। जब छः माह तक मेरा लोन स्वीकृत नहीं हुआ, तब मेरे द्वारा नीरज गोदरे से अपने दस्तावेज वापस मांगे गये, तब वह तरह-तरह की हीला हवाली व बहानेबाजी कर मेरे दस्तावेज देने में अनावश्यक विलम्ब करने लगा। उसके पास मेरे उक्त बैंक खाते की चेक बुक क्र-01713/आर/712566-712615. जिसमें चेक क्रमांक-712569 से 712578 एवं चेक क्र0-712579 से चेक क्र0-712587 इस प्रकार कुल 18 चेक थे। जिनका दुरूपयोग ना हो, इसलिए मैंने दिनांक 12/05/2022 को मेरे बैंक भारतीय स्टेट बैंक, मुख्य शाखा, छिन्दवाड़ा को लिखित रूप से अवगत कराकर चेक निरस्त करने को कहा था। फिर भी उक्त चेक बुक से एक चेक क्र0-712575 का दुरूपयोग करते हुए नीरज गोदरे द्वारा उसके रिश्तेदार एवं सहयोगी अनावेदक क्र-2 राहुल झांझोट के नाम से भरकर एवं 4,00,000/- (चार लाख रूपये) की राशि लिखकर भारतीय स्टेट बैंक, मुख्य शाखा, सुजालपुर में आहरण हेतु जमा कराकर बेईमानीपूर्वक 4,00,000/- (चार लाख रूपये) की राशि दिनांक 21/09/2023 को आहरित कर ली गयी जिसकी जानकारी जब मेरे द्वारा मेरे बैंक खाते की उक्त पास बुक में लेन-देन का विवरण दिनांक 03/10/2023 को प्रिंट कराया गया, मिली कि उपरोक्तानुसार चेक से मेरे बैंक खाते से 4,00,000/- (चार लाख रूपये) की राशि राहुल झांझोट नामक व्यक्ति द्वारा आहरित कर ली गयी है, तब मेरे द्वारा मेरे बैंक के शाखा प्रबंधक को मेरे साथ हुयी घोखावडी की लिखित शिकायत की गयी, तो शाखा प्रबंधक द्वारा मुझे उप प्रबंधक धर्मेश वर्मा अनावेदक क्र-4 से मिलने को कहा गया, जिनके द्वारा कहा गया, कि मैं सुजालपुर शाखा को मेल कर सारी जानकारी बुलाता हूँ, तब आगे की कार्यवाही होगी और मुझे इस हेतु पांच दिन का समय देने का कहा गया। जब में पांच दिन बाद उप प्रबंधक धर्मेश वर्मा के पास गया, तब उन्होंने बताया, कि सुजालपुर शाखा की अनामिका वनवशी अनावेदक क्र-5 द्वारा जानकारी दी गयी है. कि उन्होंने जो व्यक्ति चेक लेकर आया था. उसने कन्फर्मेशन के लिए गिरीश चंद्रवशी अर्थात् मेरे मोबाईल नं0-8839602194 (जो कि लगभग दो वर्ष से बंद है), पर बात की तो किसी गिरीश चंद्रवंशी ने कहा है, कि चेक राशि भुगतान कर दो, जबकि सत्यता यह है, कि मुझे चेक क्लियरेंश बाबद कोई कल मेरे चालू मोबाईल नम्बर 9993920605 पर नहीं आया |
कोतवाली पुलिस ने मामले की जाच कर दो आरोपी नीरज गोदरे पिता मुकेश गोदरे उम्र 40 साल निवासी फ्रेडस कालोनी खजरी थाना देहात जिला छिन्दवाडा, राहुल झांझोट पिता रामकिशौर झांझोट उम्र 31 साल निवासी परासिया रोड आदर्श नगर कृष्णा टावर के थाना देहात जिला छिन्दवाडा का कृत्य प्रथम दृष्टया अपराध धारा 406.420.120B भा. द. वि. का घटित करना पाये जाने से प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।